पर्यावरण संरक्षण से मयूर अभयारण्य बना सांगानेर दादाबाड़ी
Peacock Sanctuary at Sanganer Dadabadi
सांगानेर की जैन दादाबाड़ी अब मयूरों का अभयारण्य बन चुकी है. पर्यावरण संरक्षण के उपायों से ऐसा संभव हुआ है. सांगानेर कभी जयपुर शहर से बहुत दूर हुआ करता था और यहाँ पर घने पेड़ों से घिरा हुआ प्राकृतिक वातावरण था. परन्तु पिछले कुछ दशकों में इसने एक शहर का रूप ले लिया है और यहाँ कंक्रीट के जंगल खड़े हो गए हैं. प्राकृतिक वातावरण का अभाव होने से यहाँ से वन्य जीव जंतु भी लुप्त होने लगे हैं.
सांगानेर दादाबाड़ी, जयपुर में पेड़ पर बैठा मयूर |
सांगानेर दादाबाड़ी, जयपुर में छत पर घूमता मयूर |
सांगानेर दादाबाड़ी, जयपुर में पेड़ों के नीचे घूमते मयूर |
सांगानेर की श्री जिन कुशल सूरी दादाबाड़ी अत्यंत प्राचीन है. अकबर प्रतिबोधक चतुर्थ दादा श्री जिन चंद्र सूरी जी की प्रेरणा एवं सदुपदेश से बीकानेर निवासी मंत्रीश्वर करमचन्द बच्छावत ने १६ विन शताब्दी में इस दादाबाड़ी का निर्माण करवाया था. इस दादाबाड़ी में श्री जिन दत्त सूरी, जिन चंद्र सूरी, जिनपति सूरी आदि के भी प्राचीन चरण हैं.
सांगानेर दादाबाड़ी, जयपुर में घूमते हुए लेखक व अन्य युवा |
सांगानेर दादाबाड़ी, जयपुर में पेड़ पर बैठा मयूर |
आज सभी को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना आवश्यक हो गया है अन्यथा वो दिन दूर नहीं जब ग्लोबल वॉर्मिंग एवं ग्रीन हाउस इफ़ेक्ट हमे निगल लेगा. इसके लिए विशेष कर युवाओ को जागृत करना बेहद आवश्यक है. युवाओं के लिए चलाए जा रहे विशेष कार्यक्रम में आज 3 जून रविवार को सुबह 6 बजे ही 30-40 युवा, महिलाएं एवं बच्चों ने सांगानेर दादाबाड़ी पहुच कर दर्शन व गुरु इकतिसा पाठ किया। इसके बाद संरक्षित मोर, तोते एवं कबूतरों को दाना खिलाया। सुंदर मोर एवं तोतों को प्राकृतिक वातावरण में विचरते देख कर सभी बहुत आनंदित हुए। खास कर छोटे बच्चों को बहुत ही मज़ा आया।
सांगानेर दादाबाड़ी, जयपुर में पेड़ पर बैठा मयूर |
सूखे स्थान में बैठा मोर |
झाड़ियों के बीच घूमते मोर |
पेड़ की डाली पर बैठा मोर |
कार्यक्रम में खरतरगच्छ संघमंत्री के अतिरिक्त कार्यकारिणी सदस्य श्री पारस जी डागा, श्री अशोक जी डागा, पूर्व सांस्कृतिक मंत्री श्री राजेन्द्र जी भंसाली, मानसरोवर समाज के पूर्व मंत्री श्री महेश जी महमवाल, खरतरगच्छ युवा परिषद के संयुक्त मंत्री श्री अभिषेक राक्यान आदि भी उपस्थित थे। प्रति रविवार सम्पन्न होनेवाले युवा कार्यक्रमों में सम्मिलित होने की विनम्र विनती है।
सभी को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक होना आवश्यक है अन्यथा यह पृथ्वी रहने लायक नहीं रहेगी. अधिक से अधिक पेड़ लगाएं, पानी बचाएं और जीवों का संरक्षण करें.
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Thanks,
Jyoti Kothari