Saturday 4 August 2018


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Thanks,
Jyoti Kothari

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Sunday 3 June 2018

पर्यावरण संरक्षण से मयूर अभयारण्य बना सांगानेर दादाबाड़ी


पर्यावरण संरक्षण से मयूर अभयारण्य बना सांगानेर दादाबाड़ी 
Peacock Sanctuary at Sanganer Dadabadi 

सांगानेर की जैन दादाबाड़ी अब मयूरों का अभयारण्य बन चुकी है. पर्यावरण संरक्षण के उपायों से ऐसा संभव हुआ है. सांगानेर कभी जयपुर शहर से बहुत दूर हुआ करता था और यहाँ पर घने पेड़ों से घिरा हुआ प्राकृतिक वातावरण था. परन्तु पिछले कुछ दशकों में इसने एक शहर का रूप ले लिया है और यहाँ कंक्रीट के जंगल खड़े हो गए हैं. प्राकृतिक वातावरण का अभाव होने से यहाँ से वन्य जीव जंतु भी लुप्त होने लगे हैं.

Peacock sitting above a tree at Sanganer Dadabadi Jaipur
सांगानेर दादाबाड़ी, जयपुर में पेड़ पर बैठा मयूर 

Peacock moving at the roof Sanganer Dadabadi Jaipur
सांगानेर दादाबाड़ी, जयपुर में छत पर घूमता मयूर

Peacock moving at the garden Sanganer Dadabadi Jaipur
सांगानेर दादाबाड़ी, जयपुर में पेड़ों के नीचे घूमते मयूर
 इस कंक्रीट के जंगल के बीच में सांगानेर की प्राचीन दादाबाड़ी में आज भी काफी पेड़ बचे हुए हैं और यह स्थान मोर, तोते आदि पक्षियों के लिए सुरक्षित स्थली है. आज यहाँ पर १५० से २०० मोर हैं जो की इस स्थान की सुंदरता को चार चांद लगाते हैं. यहाँ पर प्रतिदिन सुबह शाम ज्वार, बाजरा, मक्का आदि दाना डाला जाता है जिससे मोर, तोते, कबूतर और गिलहरियों का पेट भरता है. पानी की भी समुचित व्यवस्था की गई है जिससे यह स्थान एक अभयारण्य की तरह विकसित हो रहा है.

सांगानेर की श्री जिन कुशल सूरी दादाबाड़ी अत्यंत प्राचीन है. अकबर प्रतिबोधक चतुर्थ दादा श्री जिन चंद्र सूरी जी की प्रेरणा एवं सदुपदेश से बीकानेर निवासी मंत्रीश्वर करमचन्द बच्छावत ने १६ विन शताब्दी में इस दादाबाड़ी का निर्माण करवाया था. इस दादाबाड़ी में श्री जिन दत्त सूरी, जिन चंद्र सूरी, जिनपति सूरी आदि के भी प्राचीन चरण हैं.

Jyoti Kothari at Peacock sanctuary Sanganer Dadabadi
सांगानेर दादाबाड़ी, जयपुर में घूमते हुए लेखक व अन्य युवा 

Peacock sitting on a tree at Sanganer dadabadi sanctuary
सांगानेर दादाबाड़ी, जयपुर में पेड़ पर बैठा मयूर
  जैन आगमों एवं शास्त्रों में बहुतायत से उल्लेख मिलता है की तीर्थंकर परमात्मा एवं आचार्य भगवंतों का प्रवचन उपवनों में होता था. उपवन एक बगीचे जैसा स्थल होता है. शहर से दूर एकांत स्थल में शांत प्राकृतिक वातावरण में अध्यात्म की लहर जगती थी. दिगंबर जैनों की नसियाँ एवं श्वेताम्बरों की दादाबाड़ी भी बाग़ बगीचों के बीच ही होती थी. वस्तुतः दादाबाड़ी में बड़ी शब्द का अर्थ ही बगीचा होता है. परन्तु आज सबकुछ बदल गया है और हम पेड़ पौधे और प्राकृतिक वातावरण से दूर होते चले जा रहे हैं. 

आज सभी को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना आवश्यक हो गया है अन्यथा वो दिन दूर नहीं जब ग्लोबल वॉर्मिंग एवं ग्रीन हाउस इफ़ेक्ट हमे निगल लेगा. इसके लिए विशेष कर युवाओ को जागृत करना बेहद आवश्यक है. युवाओं के लिए चलाए जा रहे विशेष कार्यक्रम में आज 3 जून रविवार को सुबह 6 बजे ही 30-40 युवा, महिलाएं एवं बच्चों ने सांगानेर दादाबाड़ी पहुच कर दर्शन व गुरु इकतिसा पाठ किया। इसके बाद संरक्षित मोर, तोते एवं कबूतरों को दाना खिलाया। सुंदर मोर एवं तोतों को प्राकृतिक वातावरण में विचरते देख कर सभी बहुत आनंदित हुए।  खास कर छोटे बच्चों को बहुत ही मज़ा आया।

Peacock sitting on a tree at Sanganer dadabadi sanctuary
सांगानेर दादाबाड़ी, जयपुर में पेड़ पर बैठा मयूर

Peacock sitting in a dry area at Sanganer dadabadi sanctuary
सूखे स्थान में बैठा मोर 

Peacock moving in the bush at Sanganer dadabadi sanctuary
झाड़ियों के बीच घूमते मोर 

पेड़ की डाली पर बैठा मोर 
दादाबाड़ी से सभी शहर के प्राचीन मंदिर पहुचे। अब तक 10-15 लोग और जुड़ चुके थे। यहां पर ज्योति कोठारी ने सभी को दोनों मंदिरों के इतिहास, कला एवं स्थापत्य की जानकारी दी। सभी मे अपने ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण व संवर्धन की भावना बलवती हुई। इसके बाद चाय-नाश्ता व स्नान कर सबने भक्तिपूर्वक स्नात्र पूजा किया। इस तरह आज का भक्ति, पर्यावरण, जीवदया एवं इतिहास से जुड़ा यह कार्यक्रम सानंद सम्पन्न हुआ।

कार्यक्रम में खरतरगच्छ संघमंत्री के अतिरिक्त कार्यकारिणी सदस्य श्री पारस जी डागा, श्री अशोक जी डागा, पूर्व सांस्कृतिक मंत्री श्री राजेन्द्र जी भंसाली, मानसरोवर समाज के पूर्व मंत्री श्री महेश जी महमवाल, खरतरगच्छ युवा परिषद के संयुक्त मंत्री श्री अभिषेक राक्यान आदि भी उपस्थित थे। प्रति रविवार सम्पन्न होनेवाले युवा कार्यक्रमों में सम्मिलित होने की विनम्र विनती है।

सभी को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक होना आवश्यक है अन्यथा यह पृथ्वी रहने लायक नहीं रहेगी. अधिक से अधिक पेड़ लगाएं, पानी बचाएं और जीवों का संरक्षण करें.

राजस्थान में खून की नदी न बहाने दें 

Thanks,
Jyoti Kothari

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Sunday 20 May 2018

समय प्रवंधन जीवन का सबसे महत्वपूर्ण अंग: प्रोफ़ेसर रमेश अरोड़ा

समय प्रवंधन जीवन का सबसे महत्वपूर्ण अंग: प्रोफ़ेसर रमेश अरोड़ा

सिकंदर महान अपनी माँ से मिलने के लिए अपना सम्पूर्ण राज्य दे कर अपने जीवन को दो दिन बढ़ाना चाहता था, और इसके लिये उसने अपने हकीमों से गिड़गिड़ा कर प्रार्थना की थी; परन्तु अपनी सारी कोशिशों के बाबजूद वे उस महान सम्राट को बचा नहीं पाए. इसी प्रकार हिंदी फिल्मों की महान अभिनेत्री 'नूतन' कैंसर से पीड़ित थी और उसका बेटा उसे देखने आ रहा था. नूतन की अंतिम इच्छा अपने बेटे से मिलने की थी पर बेटे के पहुंचने से केवल २० सेकंड पहले उसकी मृत्यु हो गयी. इन घटनाओं से हमे समय का महत्व समझ में आता है. मैनेजमेंट डेवलपमेंट अकादमी के चेयरमैन प्रोफ़ेसर रमेश अरोड़ा आज श्री जैन श्वेताम्बर खरतर गच्छ संघ, जयपुर  द्वारा मोती डूंगरी रोड स्थित दादाबाड़ी में युवाओं के लिए आयोजित कार्यक्रम में Smart Time Management विषय पर बोल रहे थे. 


 प्रोफ़ेसर रमेश अरोड़ा दादाबाड़ी में Smart Time Management विषय पर बोलते हुए
प्रोफ़ेसर अरोड़ा ने कहा की भगवान महावीर गृहस्थ अवस्था में वैभवशाली राजकुमार वर्द्धमान थे परन्तु जब वे वैभव को त्याग कर साधु बने तब जीवन में अध्यात्म को प्रमुखता दी और एक एक क्षण का उपयोग कर अपना सम्पूर्ण समय उद्देश्य की सिद्धि में लगा दिया. उन्होंने कहा की हम भी केवल वैभव के प्रदर्शन में ही अपना समय व्यर्थ न करें.

उन्होंने आगे कहा की जीवन समय से ही बना है. जीवन के सात मुख्य आयामों शारीरिक, मानसिक,  पारिवारिक, सामाजिक, व्यापारिक, भावनात्मक, एवं आध्यात्मिक कर्तव्यों के बीच संतुलन एवं उनमे समय का सही प्रवंधन करने से जीवन को सार्थक और सफल बनाया जा सकता है. उन्होंने समय प्रवंधन को सभी प्रवंधन तकनीकों में सबसे महत्वपूर्ण और सफलता का सूत्र बताया.  


दादाबाड़ी में आयोजित कार्यक्रम में दर्शकों को सम्वोधित करते हुए प्रोफ़ेसर रमेश अरोड़ा 
खरतर गच्छ संघ के सांस्कृतिक मंत्री श्री अनिल श्रीमाल ने एक भावगीत के साथ कार्यक्रम प्रारम्भ किया. खरतर गच्छ संघ के मंत्री ज्योति कोठारी ने प्रोफेसर अरोड़ा का परिचय देते हुए उन्हें प्रवंधन गुरु एवं प्रभावी वक्ता के रूप में अभिहित किया. आयोजक संगठनों के अध्यक्ष सर्वश्री प्रकाश चन्द लोढ़ा, सुनील महमवाल, देवेंद्र मालू एवं हेमंत टांक ने माला एवं साफा पहना कर श्री अरोड़ा जी का स्वागत किया. 

कार्यक्रम के अंत में प्रश्नोत्तरी में नितिन बागरेचा, अभिषेक राक्यान आदि युवाओं ने सम्वन्धित विषय पर प्रश्न पूछे जिसका प्रोफ़ेसर अरोड़ा ने उत्तर दिया. तपागच्छ संघ के महासमिति सदस्य श्री विमल पुनमिया एवं श्री शांति सिंघी ने भी अपने विचार व्यक्त किये. 

कार्यक्रम संयोजक ज्योति कोठारी ने कहा की भगवान  महावीर ने अपने प्रथम शिष्य गणधर गौतम स्वामी को बार बार कहा था की "हे गौतम, एक समय का भी प्रमाद मत करो".  इस बात से जैन धर्म में समय प्रवंधन का महत्व रेखांकित होता है. उन्होंने प्रोफ़ेसर रमेश अरोड़ा जी, इस कार्यक्रम से जुड़नेवाले सभी संगठनों, खरतर गच्छ संघ, श्रीमाल सभा, खरतर गच्छ युवा परिषद् , जिन दत्त कुशल सूरी युवा मंडल एवं उपस्थित युवाओं, एवं सभी श्रोताओं को धन्यवाद अर्पित किया. 

विशेष: श्री जैन श्वेताम्बर खरतर गच्छ संघ, जयपुर युवाओं के लिए लगातार विशेष कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है. इस कड़ी में यह चौथा रविवार था. अन्य जैन संगठन भी अब इस कार्यक्रम से जुड़ने लगे हैं और इसके लिए उन सभी का आभार एवं अधिक से अधिक युवा जुड़ें इसके लिए आत्मीय निवेदन.

Thanks,
Jyoti Kothari

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Sunday 13 May 2018

जैन युवाओं पर परिचर्चा

जैन युवाओं पर परिचर्चा 

खरतर गच्छ संघ की ओर से जैन युवाओं को विभिन्न सामाजिक गतिविधियों से जोड़ने के अभियान में आज शिवजीराम भवन में युवाओं ने खेल गतिविधियों पर चर्चा की. खरतर गच्छ संघ द्वारा युवाओं को सामाजिक गतिविधियों से जोड़ने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है और हर रविवार युवाओं के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं. विगत दो रविवार भी इसी प्रकार की परिचर्चा की गई थी जिसमे संघ के पदाधिकारियों ने युवा मन की बात सुनी थी.

News discussion on Jain youth at Jaipur
जैन युवाओं पर प्रथम कार्यक्रम 29 अप्रैल का समाचार 

दोनों कार्यक्रमों में युवाओं ने खुलकर अपने व्यक्तिगत, आर्थिक, व्यावसायिक, सामाजिक, धार्मिक आदि विषयों पर चर्चा की और अपने विचारों से अवगत कराया. 

News discussion on Jain youngsters at Jaipur
जैन युवाओं पर दूसरे कार्यक्रम ६ मई का समाचार 
मुख्य वक्ता जयपुर शतरंज संघ के पूर्व संयुक्त सचिव संदीप गोलेछा ने युवाओं से शतरंज के खेल से जुड़ने के लिए आह्वान किया। उन्होंने बताया राजस्थान में अभी इस खेल के प्रति लोगों का रुझान बढ़ रहा है उन्होंने संघ के पदाधिकारियों से आग्रह किया कि संघ आगे आकर अपने सदस्यों को खासकर युवाओं को इस खेल से जोड़ने के लिए उन्हें सुविधाएं प्रदान करें।

Sandip Golechha Chess speaking in Jain youth program
जयपुर शतरंज संघ के पूर्व संयुक्त सचिव सचिन गोलेच्छा 
इसके बाद उपस्थित युवा  सदस्यों ने अपने विचार व्यक्त किए।

 अभिषेक राक्यान ने कहा कि शतरंज की प्रतियोगिता आयोजित की जाए। विकास बाठिंया ने कहा कि शतरंज के साथ कैरम कि भी प्रतियोगिता कराई जाए। नितिन बागरेचा ने इसके साथ ही बैडमिंटन व अन्य खेल  गतिविधियों को जोड़ने की मांग की। दर्शन कोठारी ने कहा कि युवाओं के लिए कैरियर एवं व्यापार महत्वपूर्ण होता है अतः उस पर भी काम होना चाहिए।

युवाओं ने ये भी कहा कि अच्छे वक्ताओं को बुलाया जाए जो युवाओं को प्रेरित कर सकें एवं भविष्य के लिए मार्गदर्शन प्रदान कर सकें।

Letter of Maniprabh Suri for Jain youth program
 गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री मणिप्रभ सूरीश्वर जी महाराज के आशीर्वाद का पत्र 
संघमंत्री ज्योति कोठारी ने युवाओं के विचार सुने एवं उस पर उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया की परम पूज्य गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री मणिप्रभ सूरीश्वर जी महाराज ने भी इस कार्यक्रम के लिए अपना आशीर्वाद भिजवाया है.

ज्योति कोठारी
संघमंत्री




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Friday 16 March 2018

मुमुक्षु श्री प्रतीक बैद का दीक्षा वरघोड़ा


श्री पूज्य श्री जिन विजयेंद्र सूरी जी महाराज 
अजीमगंज निवासी प्रतीक बैद की यति दीक्षा बीकानेर गद्दी के श्रीपुज्य जी श्री जिनचन्द्र सूरी जी के हाथों से १८ मार्च को होने जा रही है. उल्लेखनीय है की ३० वर्षों के बाद पुरे भारत में कोई यति दीक्षा होने जा रही है अतः इसके लिए जैन समुदाय में अपार हर्ष है. इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए देश-विदेश से करीब ५०० लोग जयपुर आ रहे हैं. 

इस उपलक्ष्य में शनिवार १७ मार्च प्रातः ८ बजे रामलीला मैदान से भव्य वरघोड़ा निकाला जायेगा। जयपुर के महापौर अशोक लाहोटी इस जुलुश को झंडी दिखा कर रवाना करेंगे. यह शोभायात्रा सांगानेरी गेट, जौहरी बाजार, हल्दियों का रास्ता होते हुए शिवजीराम भवन पहुंचेगी. सांगानेरी गेट पर सांसद रामचरण बोहरा, जौहरी बाजार में विधायक सुरेंद्र पारीक एवं अनुसूचित जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष जितेंद्र मीणा एवं उपमहापौर मनोज भरद्वाज दीक्षार्थी का अभिनन्दन करेंगे.

शिवजीराम भवन में धर्मसभा होगी जहाँ श्रीपुज्य जी श्री जिनचन्द्र सूरी जी के अतिरिक्त परम पूज्या प्रवर्तिनी श्री शशिप्रभाश्री जी, परम पूज्या साध्वी श्री संयमपूर्णा श्री जी, व परम पूज्या साध्वी श्री डॉ सुरेखा श्री जी महाराज का प्रवचन होगा। खरतर गच्छ संघ की और से दीक्षार्थी परिवार का अभिनन्दन किया जायेगा. राजस्थान सरकार के सामाजिक न्याय मंत्री अरुण चतुर्वेदी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे. 

सायंकाल ७ बजे से दादाबाड़ी मोती डूंगरी रोड पर भक्ति संध्या रहेगी। इसमें शुभम भंसाली, छत्तीसगढ़ एवं पिंटू स्वामी, बीकानेर मुख्य कलाकार होंगे. १८ मार्च की सुबह मोहनबाड़ी में दीक्षा समारोह होगा. 
आप सभी सादर आमंत्रित हैं।

ज्योति कोठारी, 
संघमंत्री, खरतरगच्छ संघ, जयपूर



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Tuesday 6 March 2018

मालपुरा में होलीमेला

मालपुरा में होलीमेला

Thanks,
Jyoti Kothari

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Sunday 21 January 2018

जैन धार्मिक पाठशाला के प्रमाण पत्र वितरित


धार्मिक शिक्षा के प्रमाण पत्र वितरित

आज प्रातः खरतर गच्छ संघ, जयपुर  द्वारा संचालित जैन धार्मिक पाठशाला के बालक-बालिकाओं को परम पूज्या प्रवर्तिनी श्री शशिप्रभा श्री जी महाराज साहब आदि ठाणा ६ की निश्रा में प्रमाण पत्र वितरित किया गया. संघ के गणमान्य सदस्यों ने प्रमाण पत्र प्रदान किया। संघ कार्यकारिणी के सदस्य श्री संजय छाजेड़, पूर्व सदस्य श्री प्रकाश बांठिया, श्री विमल भंसाली, श्रीमती कुसुम डागा, श्रीमती स्नेहलता बांठिया, श्रीमती खारेड़ आदि ने विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किये.

Jain Dharmik pathshala jaipur khartar gachchh sangh
प्रमाण पत्र  के साथ धार्मिक पाठशाला के विद्यार्थीगण 
इससे पूर्व प्रवर्तिनी श्री जी ने एक घंटे का प्रवचन भी दिया. आपने धार्मिक पाठशाला के विद्यार्थिओं को प्रेरणा देते हुए कहा की ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती अतः विद्यार्थिओं को बिना रुके विद्या का अभ्यास करते हुए अपना ज्ञान बढ़ाते रहना चाहिए.

इस अवसर पर संघ मंत्री ज्योति कोठारी ने अपने उद्वोधन में कहा की इस वर्ष सतत स्वाध्याय निमग्ना परम पूज्य स्वर्गीया प्रवर्तिनी श्री सज्जन श्री जी महाराज साहब की पुण्य तिथि मौन एकादशी के दिन धार्मिक शिक्षा के लिए एक अभियान की शुरुआत की गई जिसे धीरे धीरे सफलता मिल रही है. उन्होंने परम पूज्या प्रवर्तिनी श्री शशिप्रभा श्री जी महाराज साहब से आग्रह किया की वे अपने जयपुर प्रवास के दौरान इस काम के लिए लोगों को प्रेरणा एवं मार्गदर्शन प्रदान करें. उन्होंने सभी से अपने बच्चों को नियमित रूप से पाठशाला भेजने का आग्रह किया।
Jain Dharmik pathshala khartar gachchh sangh jaipur

परम पूज्या प्रवर्तिनी श्री शशिप्रभा श्री जी महाराज पाठशाला के विद्यार्थियों के साथ 
खरतर गच्छ संघ द्वारा बालक-बालिकाओं के लिए रविवारीय पाठशाला  चलाई जा रही है एवं इसका दायित्व संघ की युवा शाखा खरतर गच्छ युवा परिषद् ने संभाल रखा है. कुमारी श्रेया डागा एवं श्रीमती प्रतिभा जी दफ्तरी भी शिक्षण कार्य में अपना योगदान दे रहीं हैं. कार्यकर्ताओं के सहयोग से यह पाठशाला सुचारु रूप से चल रही है और बालक-बालिकागण यहाँ नियमित रूप से धार्मिक शिक्षा एवं संस्कार प्राप्त कर रहे हैं.

परम पूज्या प्रवर्तिनी श्री जी कल ही विचक्षण भवन पधारीं हैं और २३ जनवरी तक यहीं विराजेंगी.

Thanks,
Jyoti Kothari


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