Vision Document For Khartar Gachchh Sangh, Jaipur
५ सितम्बर २०१७ अर्थात डेढ़ साल पहले यह विजन डॉक्यूमेंट संघ के सभी कार्यकारिणी सदस्यों को भेजकर उनके सुझाव आमंत्रित किये गए थे. अब इस ब्लॉग के माध्यम से संघ के सभी सभी सदस्यों से सुझाव आमंत्रित करता हूँ.
- १. आपका आधारभूत मूल्य / नीति क्या है?
- जिनवाणी व धर्म को आधार मानते हुए चतुर्विध संघ , मानव जाति एवं प्राणीमात्र की सेवा करना.
- स्वार्थ नहीं अपितु सेवा के भाव से कार्य करना.
२. आपके लक्ष्य का मुख्य केंद्र बिंदु क्या है?
- खरतर गच्छ संघ , जयपुर के सदस्यों में जिनवाणी एवं धर्म के भाव को पुष्ट करना, मानव मात्र में उसका प्रसार करना.
- सेवा के कार्य को बढ़ाना जिससे संघ के सदस्यों एवं मानवमात्र की सुख समृद्धि में वृद्धि हो. धर्माराधन के अतिरिक्त शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार आदि क्षेत्रों में निरंतर कार्य करना.
- जैन समाज के विवाहादि सम्वन्ध जैन समाज में ही हो इसके लिए योजना बना कर काम करना।
- समाज में दिखावे एवं फ़िज़ूलख़र्ची को रोकना.
- संघ की सम्पत्तियों का उचित रखरखाव, संरक्षण एवं परिवर्धन करना एवं उसे पर्यावरणोन्मुखी बनाना।
- वर्त्तमान में होनेवाले सभी कामों की गुणवत्ता में वृद्धि करना.
३. आपका १० साल का लक्ष्य क्या है?
- खरतर गच्छ संघ , जयपुर के प्रत्येक सदस्य में जिनवाणी के प्रति आस्था उत्पन्न करना एवं उन्हें जिनवाणी के अनुसार वर्तन करने को निरंतर प्रेरित करना.
- संघ के आय को ४ गुना करना एवं बजट का ५० प्रतिशत सेवाकार्यों में खर्च करना.
- संघ के प्रत्येक सदस्य के उचित आय, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि का प्रवन्ध करना.
- संघ के सभी उपयुक्त स्थलों पर सौर विद्युतीकरण , जल-पुनर्भरण एवं वृक्षारोपण का कार्य पूरा करना.
४. आपकी प्रचार-प्रसार की नीति क्या है?
- तीन स्तर पर प्रचार-प्रसार करना है १. अपने सदस्यों में २. भारत-दुनिया के अन्य भागों के जैनों में ३. अन्य धर्मावलम्वियों में.
- प्रचार प्रसार के लिए वैयक्तिक संपर्क, छपी हुई सामग्री एवं डिजिटल माध्यमों का उपयोग किया जायेगा. जनसम्पर्क इसकी सबसे महत्व पूर्ण कड़ी है.
- धार्मिक यात्राओं का आयोजन करना.
५. आपके तीन साल का चित्र क्या है?
- तीन साल में खरतर गच्छ संघ , जयपुर की आय को कम से कम ५० प्रतिशत बढ़ाना एवं सेवा कार्य में संघ की आय का १५ से २० प्रतिशत खर्च करना.
- संघ के प्रत्येक सदस्य परिवार तक न्यूनतम २ लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध करवाना.
- सभी जरूरतमंद विद्यार्थी के विद्यालयीन शिक्षा खर्च के ५०% तक का परिलाभ देना.
- २५ हज़ार से कम मासिक आयवाले परिवारों को आर्थिक, शैक्षणिक, सामाजिक सहयोग दे कर उनकी आय को कम से कम २५ हज़ार तक पहुंचाना.
- ३ व्यक्तियों को ५ प्रतिक्रमण एवं २ अन्य को २ प्रतिक्रमण सीखाना, २ व्यक्तियों को धार्मिक विधि विधान सिखाना एवं ५ व्यक्तियों को संगीत सिखाना.
- मोहनबाड़ी के नए मंदिर एवं दादाबाड़ी का निर्माण कार्य पूरा करवाना.
- सांगानेर की दादाबाड़ी का काम मास्टर प्लान के अनुसार कम से कम ४०% पूरा करवाना.
- सभी मंदिरों के जीर्णोद्धार का काम पूरा करवाना.
- सभी आवश्यक स्थानों में जल पुनर्भरण एवं वृक्षारोपण का काम पूरा करवाना, आवश्यकता का ३० प्रतिशत विद्युत् सौर ऊर्जा से प्राप्त करना.
६. आपकी एक साल की योजना क्या है?
- मालपुरा के मरम्मत एवं रखरखाव का काम पूरा करवाना.
- मालपुरा में जल पुनर्भरण एवं सौर विद्युतीकरण का काम करवाना.
- सांगानेर दादाबाड़ी का मास्टर प्लान के अनुसार काम शुरू करना.
- खो मंदिर में बोरिंग करवा कर वृक्षारोपण करवाना.
- आमेर, मोहनबाड़ी, सांगानेर आदि प्राचीन मंदिरों के प्राचीन स्वरुप को बरकरार रखते हुए उनका जीर्णोद्धार करवाना।
- स्वास्थ्य बीमा का काम पूरा करवाना एवं शिक्षा के लिए ५ लाख खर्च करना.
- १ व्यक्ति को २ एवं एक को ५ प्रतिक्रमण सिखाना। २ व्यक्तियों को संगीत की शिक्षा दिलाना.
- संघ की वेबसाइट बनवा कर डिजिटल माध्यम को बढ़ावा देना.
- सभी मंदिरों में अच्छी गुणवत्ता का चन्दन उपलब्ध करवाना.
७. आपका तीन महीने का लक्ष्य क्या है?
- मालपुरा के रखरखाव एवं यात्री सुविधाओं के मुख्य कामों को करवा लेना.
- सांगानेर, आमेर आदि सभी स्थानों में जीर्णोद्धार का काम शुरू करवाना.
- मोहनबाड़ी एवं सांगानेर में पानी का कनेक्शन लेना.
- सभी मंदिरों में अच्छी गुणवत्ता का धुप व केशर उपलब्ध करवाना.
- स्वास्थ्य बीमा का काम पूरा करवाना।
- प्रतिक्रमण एवं भक्ति संगीत सीखाने का काम शुरू करना.
- क़ानूनी काम के लिए एवं प्रचार प्रसार के लिए कार्यकारिणी समिति से एक-एक व्यक्ति को नियुक्त करना.
८. आपकी समस्याएं क्या है?
- संघ की आधारभूत नीति से तालमेल रखनेवाले उचित प्रणाली का अभाव.
- संघ के कार्यों को सम्भालनेवाले कार्यकारिणी सदस्यों के बीच में काम का सही तरीके से वितरण नहीं होना.
- प्राप्त आय का सही जगह इस्तेमाल नहीं होना व अनावश्यक कामों में खर्च होना.
- संघ की उपलब्धियों का उचित प्रचार प्रसार नहीं होना.
Thanks,
Jyoti Kothari