साधर्मी बंधुओं को रोजगार हेतु परिचर्चा १५ जनवरी, दोपहर २ से ३ बजे तक शिवजीराम भवन में आयोजित हुई. इस परिचर्चा में लगभग बीस लोगों ने भाग लिया. सभी लोगों का अभिमत था की रोजगार बर्तमान समय की एक ज्वलंत समस्या है एवं इस पर चिंतन मनन अति आवश्यक है.
परिचर्चा प्रारंभ करते हुए ज्योति कोठारी ने कहा की यह बात सभी को विदित है की जयपुर जवाहरात के व्यापार का केंद्र है एवं संघ के अधिकांश सदस्य इस व्यापार से जुड़े हैं. पिछले कुछ वर्षों से यह व्यापार मंदी के दौर से गुजर रहा है. इस कारन इस व्यापार से जुड़े लोग काफी परेशानी का सामना कर रहे हैं. साथ ही अन्य व्यापार एवं उद्योगों की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है.
इन बातों को ध्यान में रखते हुए ही इस परिचर्चा का आयोजन किया गया है जिसमे सब लोग मिल बैठ कर कुछ विचार कर सकें एवं इन समस्याओं का कोई हल निकल सके.
ज्योति कोठारी ने आगे कहा की जो लोग बेरोजगारी की समस्या से पीड़ित हैं एवं जो लोग रोजगार देने में सक्षम हैं उन लोगों के वीच समन्वय की आवश्यकता है. जवाहरात उद्योग की गंभीर स्थिति को देखते हुए अन्य उद्योगों को अपनाने पर भी बल दिया.
श्री अनिल बैद ने कहा की "Jito " की स्थापना के पीछे भी मुख्य लक्ष्य लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाना था परानु वह भी अपने उद्देश्य में सफल नहीं रही है.
श्री राजेंद्र बोहरा ने कहा की यह एक सुन्दर प्रयास है एवं वे इस सम्बन्ध में किसी भी प्रकार का कार्य करने को सदैब तत्पर हैं.
श्री महेश महमवाल, श्री पदम् चंद छाजेड आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये.
ज्योति कोठारी
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