साधु साध्वियों के बिहार मार्ग
(Route)
जैन साधुओं का बिहार- समूह में |
भगवन महावीर के पूर्व भावों की कथा में प्रभु ने नयसार के भव में सम्यग दर्शन उपार्जन किया था. उस भाव में नेसार ने जंगल में मार्ग भूले हुए साधुओं को आहार दान दे कर व उन्हें सही मार्ग बता कर सम्यग दर्शन की भूमिका तैयार की थी. नयसार ने मुनियों को द्रव्य से मार्ग बताया और प्रतिदान में मुनियों ने उन्हें मोक्ष का भावमार्ग बताया. इस प्रसिद्द कथा से श्रमण/ श्रमणियों को बिहार में सहायता करने का फल स्पष्ट है.
परम पूज्या स्वर्गीया प्रवर्तिनी महोदया श्री सज्जन श्री जी महाराज साहब की सुशिष्या एवं परम पूज्या प्रवर्तिनी महोदया श्री शशिप्रभा श्री जी महाराज साहब की अज्ञानुवर्तिनी विदुषी साध्वी श्री सौम्यगुणा श्री जी महाराज की प्रेरणा, मार्गदर्शन एवं सहयोग से श्री जैन श्वेताम्बर खरतर गच्छ संघ, जयपुर ने इन बिहार मार्गों का संकलन किया है जिससे यह सभी के लिए उपयोगी हो सके. इस कार्य को करने का सम्पूर्ण श्रेय परम पूज्या साध्वी श्री सौम्यगुणा श्री जी को है.
प्रस्तुत है ऐसे ही कुछ बिहार मार्ग (Route) की जानकारी- उम्मीद है यह साधु-साध्वियों के बिहार में मददगार सावित होगी.
Thanks,
Jyoti Kothari
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