Wednesday, 11 April 2012

मुनि मनोज्ञ सागर जी शिवजीराम भवन में


परम पूज्य आचार्य महोदय स्वर्गीय श्री जिन कान्तिसागर सुरिश्वर जी के सुशिष्य प्. पू. मुनि श्री मनोज्ञ सागर जी महाराज सांगानेर दादाबाड़ी से विहार कर मानसरोवर,  टोंक फाटक एवं कटला मंदिर में संघ के मंदिर में दर्शन करते हुए १० अप्रैल सुबह शिवजीराम भवन में पहुंचे. भव्य सामय्या के साथ आपका विचक्षण भवन में पदार्पण हुआ. संघ के अध्यक्ष श्री मानक चन्द जी गोलेछा, उपाध्यक्ष श्री राजेंद्र कुमार जी छाजेड, मंत्री श्री ज्योति कोठारी. कोषाध्यक्ष श्री मोहनलाल जी डागा एवं अन्य पदाधिकारि गण एवं अन्य गणमान्य लोग इस अवसर पर उपस्थित थे.

परम पूज्य मनोज्ञ सागर जी के आग्रह पर साध्वी श्री सुयशा श्री जी ने भी अपने उद्वोधन दिए. उन्होंने कहा की मुनि भगवंत के आगमन से उनलोगों को भी दर्शन वंदन का लाभ हुआ है.

मुनि श्री ने अपने प्रवचन में सभी से संघ की सेवा में जुड़ने का आग्रह किया. उन्होंने कहा की हमारे पूर्वजों ने मंदिरों, दादाबाड़ीओं आदि के रूप में हमारे लिए बहुत धरोहर छोड़ी है. उनके विकास की जिम्मेदारी हमारी है. उन्होंने ये भी कहा की संघ के पदधिकरिओन के विशेष आग्रह के कारण बहुत जल्दी में होते हुए भी २७ वर्षों की लम्बी अवधि के बाद वे यहाँ पधारे.

संघ मंत्री ज्योति कोठारी ने मुनि श्री का आभार व्यक्त हुए कहा की आपके गुरु भगवंत  स्वर्गीय श्री जिन कान्तिसागर सुरिश्वर जी महाराज का आचार्य पद भी यहीं हुआ था अतः यह मुनि जी के लिए तीर्थ स्वरुप है. यहीं मुनि श्री के सांसारिक पिता श्री प्रताप सागर जी महाराज का सन १९८५ में स्वर्गवास भी यहीं हुआ था एवं वह एक दुखद स्मृति है. संघ मंत्री ने महाराज श्री से आग्रह किया की वे कम से कम एक दिन और यहाँ विराजें एवं उनके सांसारिक भ्राता श्री किशनलाल जी छाजेड, जिनकी दीक्षा २ जून को दुर्ग में होनी है, उनका अभिनन्दन संघ की और से हो सके. मुमुक्षु श्री किशनलालजी अगले दिन जयपुर आने वाले थे.

मनोज्ञ सागर जी महाराज ने संघ मंत्री की विनती स्वीकार की एवं अगले दिन ११ अप्रैल को दोपहर ३ बजे मुमुक्षु भाई के स्वागत का कार्यक्रम निश्चित हुआ. 




Thanks,
Jyoti Kothari

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