श्री ऋषभदेव स्वामी मंदिर ( सांगानेर शहर ) में दिनांक ६ अप्रैल २०१२ को चैत्री पूर्णिमा के शुभ अवसर पर भव्य मेले का आयोजन किया गया है. मेले के दिन प्रातः ९ बजे से श्री सिद्धाचल जी की पूजा पढाई जाएगी. पूजन पश्चात साधर्मी वात्सल्य का आयोजन रखा गया है.
श्री जैन श्वेताम्बर खरतर गच्छ संघ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का सम्पूर्ण लाभ श्रीमती मीनादेवी सुराना के वर्षी तप के उपलक्ष्य में श्री कुशल चन्द जी विमल चन्द जी सुराना परिवार ने लिया है. जोधपुर के माननीय विधायक श्री कैलाश जी भंसाली कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे.
चैत्री पूर्णिमा के पवित्र दिन प्रथम तीर्थंकर श्री ऋषभ देव के प्रथम गणधर श्री पुंडरिक स्वामी ५ करोड़ मुनियों के साथ श्री सिद्धाचल गिरिराज पर मोक्ष को प्राप्त हुए. सांगानेर शहर का मंदिर श्री ऋषभ देव स्वामी का ७०० वर्ष प्राचीन मंदिर है.
वर्षी तप स्वयं ऋषभ देव स्वामी ने किया था एवं तभी से वर्षी तप का प्रचालन हुआ. यहाँ आने पर सिद्धाचल जी की पूजा के साथ श्रीमती मीना देवी सुराना के वर्षी तप के अनुमोदन का लाभ भी मिलेगा. इसी दिन परम पूज्य साध्वी श्री सुयशा श्री जी महाराज की वर्धमान तप की ५० वी ओली भी पूर्ण हो रही है अतः उनके तप अनुमोदन का लाभ भी साथ में मिलेगा.
अप सभी से पूजन एवं साधर्मी वात्सल्य में पधारने की हार्दिक विनती है.
नोट: यहाँ आने के लिए सांगानेरी गेट, अजमेरी गेट एवं जयपुर के अन्य स्थानों से सीधी बस सेवा उपलब्ध है. सांगानेर बस स्टैंड मंदिर से कुछ गज की दुरी पर है. यह मंदिर सांगानेर त्रिपोलिया गेट के पास स्थित है एवं श्री चंदा प्रभु दिगंबर जैन मंदिर के पास है. सांगानेर दादाबाड़ी यहाँ से लगभग १ किलो मीटर की दुरी पर है.
Thanks,
Jyoti Kothari
श्री जैन श्वेताम्बर खरतर गच्छ संघ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का सम्पूर्ण लाभ श्रीमती मीनादेवी सुराना के वर्षी तप के उपलक्ष्य में श्री कुशल चन्द जी विमल चन्द जी सुराना परिवार ने लिया है. जोधपुर के माननीय विधायक श्री कैलाश जी भंसाली कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे.
चैत्री पूर्णिमा के पवित्र दिन प्रथम तीर्थंकर श्री ऋषभ देव के प्रथम गणधर श्री पुंडरिक स्वामी ५ करोड़ मुनियों के साथ श्री सिद्धाचल गिरिराज पर मोक्ष को प्राप्त हुए. सांगानेर शहर का मंदिर श्री ऋषभ देव स्वामी का ७०० वर्ष प्राचीन मंदिर है.
वर्षी तप स्वयं ऋषभ देव स्वामी ने किया था एवं तभी से वर्षी तप का प्रचालन हुआ. यहाँ आने पर सिद्धाचल जी की पूजा के साथ श्रीमती मीना देवी सुराना के वर्षी तप के अनुमोदन का लाभ भी मिलेगा. इसी दिन परम पूज्य साध्वी श्री सुयशा श्री जी महाराज की वर्धमान तप की ५० वी ओली भी पूर्ण हो रही है अतः उनके तप अनुमोदन का लाभ भी साथ में मिलेगा.
अप सभी से पूजन एवं साधर्मी वात्सल्य में पधारने की हार्दिक विनती है.
नोट: यहाँ आने के लिए सांगानेरी गेट, अजमेरी गेट एवं जयपुर के अन्य स्थानों से सीधी बस सेवा उपलब्ध है. सांगानेर बस स्टैंड मंदिर से कुछ गज की दुरी पर है. यह मंदिर सांगानेर त्रिपोलिया गेट के पास स्थित है एवं श्री चंदा प्रभु दिगंबर जैन मंदिर के पास है. सांगानेर दादाबाड़ी यहाँ से लगभग १ किलो मीटर की दुरी पर है.
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Jyoti Kothari
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