श्री जैन श्वेताम्बर खरतर गच्छ संघ, जयपुर के तत्वावधान में दीक्षार्थी श्री किशनलाल जी छाजेड का विचक्षण भवन में भव्य अभिनन्दन समारोह आयोजित हुआ. यह कार्यक्रम परम पूज्य मुनि श्री मनोज्ञ सागर जी महाराज एवं परम पूज्या साध्वी श्री सुयशा श्री जी आदि ठाना ३ के सान्निध्य में ११ अप्रैल को दोपहर ३ बजे से आयोजित हुआ.
मुनि श्री के मंगलाचरण से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ. इसके बाद मुमुक्षु श्री किशन लाल जी ने अपने उद्वोधन में संसार की असारता बताते हुए संयम पथ पर अग्रसर होने की भावना जताई. साथ में पधारे हुए दुर्ग संघ के मंत्री श्री राजेंद्र जी मरोठी ने २ जून को दुर्ग में आयोजित होने वाले दीक्षा समारोह में सभी को आमंत्रित किया.
साध्वी श्री सुयशा श्री जी ने अपने प्रवचन में कहा की संयाग दर्शन, ज्ञान एवं चारित्र की त्रिवेणी मोक्ष मार्ग है. उन्होंने संयम पथ पर अग्रसर श्री छाजेड की भावना का अनुमोदन किया.
संघ मंत्री ज्योति कोठारी ने किशनलाल जी का परिचय देते हुए बताया की आप परम पूज्य मुनि स्वर्गीय श्री प्रताप सागर जी के पुत्र एवं मुनि श्री मनोज्ञ सागर जी महाराज के सांसारिक बड़े भाई हैं. इसके बाद संघ अध्यक्ष श्री मानक चन्द जी गोलेछा, उपाध्यक्ष श्री राजेंद्र कुमार जी छाजेड एवं संघ के सह मंत्री श्री राजेंद्र बोहरा ने तिलक कर, माला पहना एवं साफा पहना कर आपका स्वागत किया. भेट स्वरुप प्रदत्त राशी श्री किशन लाल जी ने मंदिर में दान स्वरुप प्रदान की. श्री विमल चन्द जी सुराना ने दर्शनार्थ एक मूर्ति आपको भेट की.
इसके बाद श्री राजेंद्र जी मरोठी का स्वागत किया गया. संघ मंत्री ने बताया की श्री मरोठी उनके बड़े भाई जैसे है एवं उनका पूरा परिवार अत्यंत धर्मिष्ठ है. उनकी दो सगी बहने परम पूज्या साध्वी श्री शुभंकरा श्री जी एवं वसुंधरा श्री जी हैं. उनकी चचेरी बहन भी परम पूज्या साध्वी श्री मणिप्रभा श्री जी के पास दीक्षित हैं. श्री मरोठी जी नहाकौशल मूर्तिपूजक संघ के १० वर्षों तक महा मंत्री रह चुके हैं.
श्री विजय कुमार जी संचेती, श्री राजेंद्र जी भंसाली एवं श्री प्रकाश चन्द जी छाजेड ने आपका स्वागत किया. अंत में परम पूज्या मुनि श्री के प्रवचन एवं मांगलिक के साथ सभा का समापन हुआ.
मुनि श्री के मंगलाचरण से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ. इसके बाद मुमुक्षु श्री किशन लाल जी ने अपने उद्वोधन में संसार की असारता बताते हुए संयम पथ पर अग्रसर होने की भावना जताई. साथ में पधारे हुए दुर्ग संघ के मंत्री श्री राजेंद्र जी मरोठी ने २ जून को दुर्ग में आयोजित होने वाले दीक्षा समारोह में सभी को आमंत्रित किया.
साध्वी श्री सुयशा श्री जी ने अपने प्रवचन में कहा की संयाग दर्शन, ज्ञान एवं चारित्र की त्रिवेणी मोक्ष मार्ग है. उन्होंने संयम पथ पर अग्रसर श्री छाजेड की भावना का अनुमोदन किया.
संघ मंत्री ज्योति कोठारी ने किशनलाल जी का परिचय देते हुए बताया की आप परम पूज्य मुनि स्वर्गीय श्री प्रताप सागर जी के पुत्र एवं मुनि श्री मनोज्ञ सागर जी महाराज के सांसारिक बड़े भाई हैं. इसके बाद संघ अध्यक्ष श्री मानक चन्द जी गोलेछा, उपाध्यक्ष श्री राजेंद्र कुमार जी छाजेड एवं संघ के सह मंत्री श्री राजेंद्र बोहरा ने तिलक कर, माला पहना एवं साफा पहना कर आपका स्वागत किया. भेट स्वरुप प्रदत्त राशी श्री किशन लाल जी ने मंदिर में दान स्वरुप प्रदान की. श्री विमल चन्द जी सुराना ने दर्शनार्थ एक मूर्ति आपको भेट की.
इसके बाद श्री राजेंद्र जी मरोठी का स्वागत किया गया. संघ मंत्री ने बताया की श्री मरोठी उनके बड़े भाई जैसे है एवं उनका पूरा परिवार अत्यंत धर्मिष्ठ है. उनकी दो सगी बहने परम पूज्या साध्वी श्री शुभंकरा श्री जी एवं वसुंधरा श्री जी हैं. उनकी चचेरी बहन भी परम पूज्या साध्वी श्री मणिप्रभा श्री जी के पास दीक्षित हैं. श्री मरोठी जी नहाकौशल मूर्तिपूजक संघ के १० वर्षों तक महा मंत्री रह चुके हैं.
श्री विजय कुमार जी संचेती, श्री राजेंद्र जी भंसाली एवं श्री प्रकाश चन्द जी छाजेड ने आपका स्वागत किया. अंत में परम पूज्या मुनि श्री के प्रवचन एवं मांगलिक के साथ सभा का समापन हुआ.
मुनि मनोज्ञ सागर जी शिवजीराम भवन में
Thanks,
Jyoti Kothari
No comments:
Post a Comment