Thursday, 26 April 2012

Panchanhika Mahotsav to remember Sadhvi Sudarshana Sri


Sri Jain Shwetambar Khartar Gachchh Sangh has been organizing Panchanhika Mahotsav (Fivedays celebration) to remember PP Sadhvi Sri Sudarshana Sri ji Maharaj. Sadhvi Sri Sudarshana Sri left for her heavenly abode recently in Jaipur.

There are five Poojas in five days starting from April 26 to 30. There was "Ratna Trayee Pooja" at Vichakshan Samadhi at Mohanbadi, today morning. Sri Kushalchand Vimalchand Surana family sponsored the event.
Navpad Pooja will be performed tomorrow, April 27 at Sri Suparshwanath Panchayati mandir, Johri Bazar.
There will be Parshwanath Panch Kalyanak Pooja at Dadabadi, Moti Doongri road on 28th morning and Mahavir Swami Pooja at Sri Mahavir Swami temple, Multan Mandir, Adarsh Nagar, Jaipur on 29th.

Dadagurudev Poojan will be performed at Malpura Dadabadi on 30th, the last day of Panchanhika Mahotsav. The event is going on under the auspieces of Sadhvi Sri Nirmnala Sri and sadhvi Sri Suyasha sri etc in Jaipur and Sadhvi Sri Chandrakala Sri and Sulochana sri at Malpura.


All are requested to join.

Sign Up. Social networking site exclusively for Jains!!!

Thanks,
Jyoti Kothari

allvoices

Sunday, 22 April 2012

Anniversary of Panchayati Mandir on Akha Teej


Sri Jain Shwetmbar Khartar Gachchh Sangh will celebrate anniversary of  Panchayati Mandir (Suparshwanath temple), Dada, Gheewalon Ka Rasta, Johri Bazar, Jaipur on April 24, 2012, Akha Teej.

Satrah Bhedi Pooja will be organized in the morning along with Dhwajarohan. Sri Suparshwanath Swami  temple is more than two hundred years old. There are beautiful inlay work and gold paintings in the temple.

Standing idol of Sri Shantinath Swami, 16th Jain Tirthnkar is worth view. All are requested to join the program.

Thanks,
Jyoti Kothari

allvoices

Wednesday, 18 April 2012

Khartar Sangh executives met Muni Nayapadmasagar, mentor, JITO


PP Muni Nayapadmasagar, Mentor, JITO (Jain International Trade Organization) is in Dudu, near Jaipur on his way to Delhi. Secretary and executive members of Sri Jain Shwetambar Khartar Gachchh Sangh, Jaipur met him there today on April 17. Sri Prakash Chhajed, Sri Rajendra Bhansali, Sri Prakash Banthia and Sri Mahesh Mahamwal were among the executives visited Muni Sri. They requested him to visit and stay at Shivjiram Bhawan during his stay in Jaipur. Muni Sri agreed to come and stay at Shivjiram Bhawan. Program will be finalized later on.

Jyoti Kothari, Secretary of the Sangh discussed several issues with PP Muni Nayapadmasagar. He informed Muni Sri about social and religious activities of Khartar Sangh and Jain community at large. He also informed him about educational and health institutions in Jaipur run by various Jain organizations.  He appreciated initiatives taken by PP Muni Nayapadmasagar to unite Jain community.

It is worth noted that PP Muni Nayapadmasagar was instrumental to unite Jain business community and to form a strong forum, JITO.

Thanks,
Jyoti Kothari

allvoices

Friday, 13 April 2012

प्. पू. विनय मुनि के वर्षी तप का पारना गज मंदिर में


प्. पू. विनय मुनि के प्रथम वर्षी तप का पारना गज मंदिर, केशरिया जी में आखा तीज २४ अप्रैल को होगा. मुनि श्री अज अहमदाबाद से विहार कर केशरिया जी पहुचेंगे जहाँ उनका पारना होगा. 

 प्. पू. विनय मुनि ने मुझसे श्री केशरिया जी तीर्थ में पारना करने की इच्छा व्यक्त की थी. मैंने उनसे पूछा की क्या वे गज मंदिर में पारना करना चाहेंगे? उन्होंने कहा क्यों नहीं! इसके बाद मैंने परम पूज्य उपाध्याय श्री मणिप्रभ सागर जी महाराज से एवं श्री जिन हरी बिहार के अध्यक्ष श्री विजयलाल डोशी से संपर्क किया. परम पूज्य उपाध्याय श्री ने तत्काल स्वीकृति देते हुए पूछा की उन्हें वहां और क्या व्यवस्था चाहिए?

इस पर प्. पू. विनय मुनिने कहा की उन्हें और कोई व्यवस्था की कोई जरुरत नहीं है. इसके बाद श्री दोसी जी का फ़ोन आया एवं उन्होंने गज मंदिर के मंत्री श्री गजेन्द्र जी भंसाली का मोबाइल नंबर देते हुए उनसे व्यवस्था हेतु संपर्क करने के लिए कहा. श्री गजेन्द्र जी भंसाली ने बार बार आग्रह कर पूछा की पूज्य मुनि श्री के लिए क्या सुविधा की जरुरत है?

गज मंदिर में पारने की स्वीकृति एवं व्यवस्था के लिए श्री जैन श्वेताम्बर खरतर गच्छ संघ परम पूज्य उपाध्याय श्री मणिप्रभ सागर जी महाराज एवं सभी पधकिरिओन का आभारी है.

प्. पू. विनय मुनि पलिताना से विहार कर धोलका तीर्थ होते हुए ७ अप्रैल को अहमदाबाद पहुचे थे. प्. पू. विनय मुनि का चातुर्मास जयपुर खरतर गच्छ संघ में होना निश्चित हुआ है.

Thanks,
Jyoti Kothari

allvoices

Wednesday, 11 April 2012

दीक्षार्थी श्री किशनलाल जी छाजेड का विचक्षण भवन में भव्य अभिनन्दन समारोह

 श्री जैन श्वेताम्बर खरतर गच्छ संघ, जयपुर के तत्वावधान में दीक्षार्थी श्री किशनलाल जी छाजेड का विचक्षण भवन में भव्य अभिनन्दन समारोह आयोजित हुआ. यह कार्यक्रम परम पूज्य मुनि श्री मनोज्ञ सागर जी महाराज एवं परम पूज्या साध्वी श्री सुयशा श्री जी आदि ठाना ३ के सान्निध्य में ११ अप्रैल को दोपहर ३ बजे से आयोजित हुआ.

मुनि श्री के मंगलाचरण से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ. इसके बाद मुमुक्षु श्री किशन लाल जी ने अपने उद्वोधन में संसार की असारता बताते हुए संयम पथ पर अग्रसर होने की भावना जताई. साथ में पधारे हुए दुर्ग संघ के मंत्री श्री राजेंद्र जी मरोठी ने २ जून को दुर्ग में आयोजित होने वाले दीक्षा समारोह में सभी को आमंत्रित किया.

साध्वी श्री सुयशा श्री जी ने अपने प्रवचन में कहा की संयाग दर्शन, ज्ञान एवं चारित्र की त्रिवेणी मोक्ष मार्ग है. उन्होंने संयम पथ पर अग्रसर श्री छाजेड की भावना का अनुमोदन किया.

संघ मंत्री ज्योति कोठारी ने किशनलाल जी का परिचय देते हुए बताया की आप परम पूज्य मुनि स्वर्गीय श्री प्रताप सागर जी के पुत्र एवं मुनि श्री मनोज्ञ सागर जी महाराज के सांसारिक बड़े भाई हैं. इसके बाद संघ अध्यक्ष श्री मानक चन्द जी गोलेछा, उपाध्यक्ष श्री राजेंद्र कुमार जी छाजेड एवं संघ के सह मंत्री श्री राजेंद्र बोहरा ने तिलक कर, माला पहना एवं साफा पहना कर आपका स्वागत किया. भेट स्वरुप प्रदत्त राशी श्री किशन लाल जी ने मंदिर में दान स्वरुप प्रदान की. श्री विमल चन्द जी सुराना ने दर्शनार्थ एक मूर्ति आपको भेट की.

इसके बाद श्री राजेंद्र जी मरोठी का स्वागत किया गया. संघ मंत्री ने बताया की श्री मरोठी उनके बड़े भाई जैसे है एवं उनका पूरा परिवार अत्यंत धर्मिष्ठ है. उनकी दो सगी बहने परम पूज्या साध्वी श्री शुभंकरा श्री जी एवं वसुंधरा श्री जी हैं. उनकी चचेरी बहन भी परम पूज्या साध्वी श्री मणिप्रभा श्री जी के पास दीक्षित हैं. श्री मरोठी जी नहाकौशल मूर्तिपूजक संघ के १० वर्षों तक महा मंत्री रह चुके हैं.

श्री विजय कुमार जी संचेती, श्री राजेंद्र जी भंसाली एवं श्री प्रकाश चन्द जी छाजेड ने आपका स्वागत किया. अंत में परम पूज्या मुनि श्री के प्रवचन एवं मांगलिक के साथ सभा का समापन हुआ. 


मुनि मनोज्ञ सागर जी शिवजीराम भवन में

Thanks,
Jyoti Kothari

allvoices

मुनि मनोज्ञ सागर जी शिवजीराम भवन में


परम पूज्य आचार्य महोदय स्वर्गीय श्री जिन कान्तिसागर सुरिश्वर जी के सुशिष्य प्. पू. मुनि श्री मनोज्ञ सागर जी महाराज सांगानेर दादाबाड़ी से विहार कर मानसरोवर,  टोंक फाटक एवं कटला मंदिर में संघ के मंदिर में दर्शन करते हुए १० अप्रैल सुबह शिवजीराम भवन में पहुंचे. भव्य सामय्या के साथ आपका विचक्षण भवन में पदार्पण हुआ. संघ के अध्यक्ष श्री मानक चन्द जी गोलेछा, उपाध्यक्ष श्री राजेंद्र कुमार जी छाजेड, मंत्री श्री ज्योति कोठारी. कोषाध्यक्ष श्री मोहनलाल जी डागा एवं अन्य पदाधिकारि गण एवं अन्य गणमान्य लोग इस अवसर पर उपस्थित थे.

परम पूज्य मनोज्ञ सागर जी के आग्रह पर साध्वी श्री सुयशा श्री जी ने भी अपने उद्वोधन दिए. उन्होंने कहा की मुनि भगवंत के आगमन से उनलोगों को भी दर्शन वंदन का लाभ हुआ है.

मुनि श्री ने अपने प्रवचन में सभी से संघ की सेवा में जुड़ने का आग्रह किया. उन्होंने कहा की हमारे पूर्वजों ने मंदिरों, दादाबाड़ीओं आदि के रूप में हमारे लिए बहुत धरोहर छोड़ी है. उनके विकास की जिम्मेदारी हमारी है. उन्होंने ये भी कहा की संघ के पदधिकरिओन के विशेष आग्रह के कारण बहुत जल्दी में होते हुए भी २७ वर्षों की लम्बी अवधि के बाद वे यहाँ पधारे.

संघ मंत्री ज्योति कोठारी ने मुनि श्री का आभार व्यक्त हुए कहा की आपके गुरु भगवंत  स्वर्गीय श्री जिन कान्तिसागर सुरिश्वर जी महाराज का आचार्य पद भी यहीं हुआ था अतः यह मुनि जी के लिए तीर्थ स्वरुप है. यहीं मुनि श्री के सांसारिक पिता श्री प्रताप सागर जी महाराज का सन १९८५ में स्वर्गवास भी यहीं हुआ था एवं वह एक दुखद स्मृति है. संघ मंत्री ने महाराज श्री से आग्रह किया की वे कम से कम एक दिन और यहाँ विराजें एवं उनके सांसारिक भ्राता श्री किशनलाल जी छाजेड, जिनकी दीक्षा २ जून को दुर्ग में होनी है, उनका अभिनन्दन संघ की और से हो सके. मुमुक्षु श्री किशनलालजी अगले दिन जयपुर आने वाले थे.

मनोज्ञ सागर जी महाराज ने संघ मंत्री की विनती स्वीकार की एवं अगले दिन ११ अप्रैल को दोपहर ३ बजे मुमुक्षु भाई के स्वागत का कार्यक्रम निश्चित हुआ. 




Thanks,
Jyoti Kothari

allvoices

Monday, 9 April 2012

Manogyasagar Ji Maharaj at Malpura, Sanganer and Jaipur


 Khartar Gachchh monk Sri Manogyasagar Ji Maharaj, disciple of late Acharya Sri Kantisagar Surishwar ji visited Malpura Dadabadi. He reached there on 3rd April and celebrated Mahavir Jayanti. He left Malpura on April 5 and reached Sanganer Dadabadi yesterday evening on April 7.He is coming from Brahmasar and proceeding towards Durg, Chhattisgarh where a Deeksha will take place on June 2.

 Sri Jain Shwetambar Khartar Gachchh Sangh arranged for his stay in both the places. Executive members met him in both the places.

The President and Secretary along with other members met him at Sanganer Dadabadi and requested him to come, stay and deliver Pravachan at Vichakshan Bhawan. He accepted the request and will deliver Pravachan at Vichakshan Bhawan on April 10, Tuesday morning at 9' O clock.

All are cordially invited to the event.

 मुनि मनोज्ञ सागर जी शिवजीराम भवन में

दीक्षार्थी श्री किशनलाल जी छाजेड का विचक्षण भवन में भव्य अभिनन्दन समारोह


Thanks,
Jyoti Kothari

allvoices

Sunday, 8 April 2012

Chaitri Purnima festival organized at Sanganer temple



Sri Jain Shwetambar Khartar gachchh Sangh organized Chaitri Purnima festival at Sri Rishabhdev (Adinath) temple at Sanganer city. Sri Kushal Chand Vimal Chand Surana family sponsored the festival on the eve of Varshi Tap of Srimati Meena Devi Surana w/o Sri Pushpendra Surana.

The temple campus was decorated. Several hundreds of devotees were present in the Siddhachal Pooja. Sri Kailash Chand Bhansali, MLA, Jodhpur was the chief guest.

Sri Manak Chand Golechha and other executive members of Sangh felicitated members of Surana family. Smt. Naveenta Chhajed, a Varshi Tap tapasvi felicitated Mrs. Meena Surana. Sri Vimal Chand Surana felicitated the Chief guest.

The Pooja was followed by Sadharmi Vatsalya.

Thanks,
Jyoti Kothari

allvoices

Tuesday, 3 April 2012

साध्वी श्री सुदर्शना श्री जी: एक महान साधिका


परम पूज्या साध्वी श्री सुदर्शना श्री जी एक महान साधिका थीं. वे समता मूर्ति एवं जप साधिका थीं. लम्बी बीमारी उनकी साधना को कमजोर नहीं कर पाई. वे एक विदुषी साध्वी थीं एवं संस्कृत, प्राकृत अदि भाषाओँ का अच्छा ज्ञान रखती थीं. उन्होंने सुदीर्घ संयम काल में आगमों एवं अन्य शाश्त्रों का भी खूब अध्ययन किया था.

गत वर्ष, जुलाई महीने के मध्य में मालपुरा में जब उनका स्वास्थ्य ख़राब हुआ तब उनसे इलाज हेतु  जयपुर आने की विनती की. उन्होंने मुझसे कहा की मुझे दादागुरु के शरण में ही रहने दो. इसके एक दिन बाद ही उनका स्वास्थ्य ज्यादा ख़राब हो गया एवं मालपुरा में ही उन्हें अस्पताल में भारती कराया गया. वहां अपेक्षित सुधर नहीं होने पर जयपुर में दुर्लभजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. कुछ दिनों में उनकी तवियत में सुधर हुआ एवं उन्हें दादाबाड़ी ला कर रखा गया. इस पुरे दौर में उनकी समता देखने लायक थी. इतनी वेदना में भी कभी उफ नहीं. निरंतर जप साधना में निमग्न रहना एवं आगंतुकों को मंगल आशीर्वाद देना.

उनका स्वास्थ्य फिर बिगड़ा एवं उन्हें पुनः अस्पताल ले जाना पड़ा. इस बार वे संभल नहीं पाई. दिमागी टीबी के साथ लकवे ने उन्हें जकड लिया. धीरे धीरे उन्होंने बोलना भी बंद कर दिया, खाना पीना सब नली से. ऐसी स्थिति में भी कोई उफ नहीं, समता की साधना. 

साध्वी श्री सुदर्शना श्री जी का जन्म सन १९४० में मुल्तान में हुआ. भारत विभाजन के समय वे अपने परिवार के साथ ७ वर्ष की उम्र में वहां से भारत आ गईं. १६ वर्ष की अल्प आयु में उन्होंने स्व. प्रवर्तिनी श्री विचक्षण श्री जी के पास पलिताना में दीक्षा अंगीकार की. उनकी बड़ी दीक्षा अजमेर में दादा जिन दत्त सूरी की अष्टम शताब्दी महोत्सव के दौरान हुआ. आपने लगभग ५६ वर्ष तक चरित्र का पालन किया एवं अंतिम आराधना व संथारा पूर्वक मिति चैत्र वादी दूज संवत २०६९ को प्रातः काल आपका जयपुर में  देवलोकगमन हुआ. आपका अंतिम संस्कार समारोह पूर्वक आदर्शनगर श्मशान में उसी दिन दोपहर को किया गया.


आपकी दोनों बड़ी बहने (साध्वी चन्द्रकला श्री एवं साध्वी सुलोचना श्री) भी दीक्षित हैं एवं इस समय मालपुरा में विराज रहीं हैं.

साध्वी श्री सुदर्शना श्री जी की गुणानुवाद सभा

Sadhvi Sudarshana Sri Ji left for her heavenly abode


Thanks,
Jyoti Kothari

allvoices

Sunday, 1 April 2012

Navpad Pooja, Mahavir Jayanti and Chaitri Poornima

Sri Jain Shwetambar Khartar Gachchh Sangh, Jaipur  will organize three programs in a row this week in the auspices of Sadhwi sri Suyasha sri thana 3. Navpad Oli is going on and Sangh will organize Navpad Pooja on April 4, Wednesday afternoon (2 PM) at Panchayati Mandir.


 Mahavir Jayanti is on the next day, April 5 and Sangh will organize Mahavir Swami Pooja again at Sri Suparshwanath Swami temple (Panchayati mandir) in the morning from 10 AM. Sri Jain Yuva Parishad are sponsoring the program.

खरतर गच्छ संघ के चैत्र मास के कार्यक्रम

Chaitri Poornima is on the 6th, Friday. Sangh will organize a fair (Mela) at sri Rishabhdev Swami temple, Sanganer city. Siddhachal Pooja (from 9AM) will be followed by Sadharmi Vatsalya (lunch). Sri Kushal Chand Vimal Chand Surana family is sponsoring the program to felicitate Varshi Tap of Ms. Meena devi Surana w/o sri Pushpendra Surana.

सांगानेर मंदिर में चैत्री पूर्णिमा मेला एवं तप अनुमोदन

All are cordially invited in all programs.

Jain Festival of India: Navpad Oli (Ayambil) in Jainism


Thanks,
Jyoti Kothari

allvoices

सांगानेर मंदिर में चैत्री पूर्णिमा मेला एवं तप अनुमोदन

 श्री ऋषभदेव स्वामी मंदिर ( सांगानेर शहर ) में दिनांक ६ अप्रैल २०१२ को चैत्री पूर्णिमा के शुभ अवसर पर भव्य  मेले का आयोजन किया गया है. मेले के दिन प्रातः ९ बजे से श्री सिद्धाचल जी की पूजा पढाई जाएगी. पूजन पश्चात साधर्मी वात्सल्य का आयोजन रखा गया है.

श्री जैन श्वेताम्बर खरतर गच्छ संघ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का सम्पूर्ण लाभ श्रीमती मीनादेवी सुराना के वर्षी तप के उपलक्ष्य में श्री कुशल चन्द जी विमल चन्द जी सुराना परिवार ने लिया है. जोधपुर के माननीय विधायक श्री कैलाश जी भंसाली कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे.

चैत्री पूर्णिमा के पवित्र दिन प्रथम तीर्थंकर श्री ऋषभ देव के प्रथम गणधर  श्री पुंडरिक स्वामी ५ करोड़ मुनियों के साथ श्री सिद्धाचल गिरिराज पर मोक्ष को प्राप्त हुए. सांगानेर शहर का मंदिर श्री ऋषभ देव स्वामी का ७०० वर्ष प्राचीन मंदिर है.

वर्षी तप स्वयं ऋषभ देव स्वामी ने किया था एवं तभी से वर्षी तप का प्रचालन हुआ. यहाँ आने पर सिद्धाचल जी की पूजा के साथ श्रीमती मीना देवी सुराना के वर्षी तप के अनुमोदन का लाभ भी मिलेगा.   इसी दिन परम पूज्य साध्वी श्री सुयशा श्री जी महाराज की वर्धमान तप की ५० वी ओली भी पूर्ण हो रही है अतः उनके तप अनुमोदन का लाभ भी साथ में मिलेगा.

अप सभी से पूजन एवं साधर्मी वात्सल्य में पधारने की हार्दिक विनती है.

नोट: यहाँ आने के लिए सांगानेरी गेट, अजमेरी गेट एवं जयपुर के अन्य स्थानों से सीधी बस सेवा उपलब्ध है. सांगानेर बस स्टैंड मंदिर से कुछ गज की दुरी पर है. यह मंदिर सांगानेर त्रिपोलिया गेट के पास स्थित है एवं श्री चंदा प्रभु दिगंबर जैन मंदिर के पास है. सांगानेर दादाबाड़ी यहाँ से लगभग १ किलो मीटर की दुरी पर है.
Thanks,
Jyoti Kothari

allvoices