महोपाध्याय श्री ललितप्रभ सागर जी महाराज एवं श्री चन्द्रप्रभ सागर जी महाराज का जयपुर चातुर्मास प्रवेश १४ जुलाई को होगा. यह प्रवेश असाधारण एवं अत्यन्य महत्वपूर्ण है. जैन संतो का महामिलन होगा यह प्रवेश.
श्वेताम्बर जैन समुदाय के विभिन्न वर्गों के संतों के साथ दिगंबर जैन मुनि श्री तरुन्सागर जी महाराज भी इस प्रवेश में सम्मिलित होङ्गे.
प्रवेश की शोभा यात्रा १४ जुलाई सायं ४ बजे रामनिवास बाग से प्रारंभ हो कर चौडा रास्ता, त्रिपोलिया होते हुए बड़ी चौपड़ पहुचेंगी जहाँ पर संतो का सामूहिक उद्वोधन होगा। यहाँ से सम्पूर्ण जैन समाज की एकता का सन्देश दिया जायेगा। इस अवसर पर प्रसिद्द संगीतकार रवीन्द्र जैन के भी आने की सम्भावना है। वे बड़ी चौपड़ पर भजनों के माध्यम से भक्ति रस की गंगा बहायेंगे।
महोपाध्याय श्री ललितप्रभ सागर जी महाराज एवं श्री चन्द्रप्रभ सागर जी महाराज के चतुर्मास के आयोजक श्री जैन श्वेताम्बर खरतर गच्छ संघ, जयपुर हैं एवं दिगंबर जैन मुनि श्री तरुन सागर जी महाराज की अलग चतुर्मास समिति बनी है। दोनों आयोजकों ने मिल कर साथ चलने का फैसला किया एवं उसी के अनुरूप व्यवस्थाएं की गई। दिगंबर एवं श्वेताम्बर दोनों जैन समाजों की सक्रीय भागीदारी एवं मुनियों की परष्पर सहमति ने जैन एकता की यह दास्ताँ लिखी है.
इस अवसर पर तपागच्छ संघ की पूज्य साध्वीजी महाराजों की सहमति भी प्राप्त हो गई है एवं तेरापंथ व स्थानकवासी समुदाय से भी सहमति मिलने के प्रयास किये जा रहे है। जैन एकता की इस नई लौ को प्रज्वलित करने एवं उसे बनाये रखने के लिए मुनियों के प्रवेश में आप सभी सादर आमंत्रित हैं।
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(Vardhaman Gems, Jaipur represents Centuries Old Tradition of Excellence in Gems and Jewelry)
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